भील प्रदेश के लिए मानगढ़ मे आज महारैली ,सरकार ने खारिज की मांग
- भील प्रदेश के लिए केंद्र पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत पारित होगा प्रस्ताव :
- राजस्थान, महरास्ट्र ,गुजरात और मध्यप्रदेश के 49 जिलों को मिलाकर अलग से भील प्रदेश और अन्य कई मांगों को लेकर आदिवासी परिवार की ओर से गुरुवार को बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम मे प्रदेश सांस्कृतिक महारैली का आयोजन किया गया ।
- रैली के माध्यम से अलग भील प्रदेश के लिए राजनीतिक प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेज जाएगा । उधर,भील प्रदेश बनाए जाने की मांग राज्य सरकार ने खारिज कर दी है । जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री एवं भाजपा के बड़े आदिवासी नेता बाबूलाल खराड़ी ने साफ कहा है कि जाती के आधार पर नया प्रदेश नहीं बनाया जा सकता । यू तो फिर अलग-अलग जातिया अपने लिए अलग-अलग राज्य की मांग उठाने लगेंगी । जो किसी भी तरीके से उचित नहीं है ।
प्रदेश के 33 जिलों मे से 12 जिले शामिल करने की मांग की :
- आदिवासी परिवार द्वारा प्रस्तावित अलग भील मे पूर्व के सीमांकन के अनुसार 33 मे से 12 जिलों को शामिल करने की डिमांड है । इसमे बांसवाड़ा , डूंगरपुर , बाड़मेर , जालोर ,सिरोही ,उदयपुर ,झालावाड़,राजसमंद ,चितोड़गढ़ ,कोटा,बारा एवं पाली जिला शामिल है । इसी तरह महारास्ट्र ,गुजरात और एमपी के भी 37 जिलों को प्रस्तावित भील प्रदेश मे शामिल किया हैं ।
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काँग्रेस का समर्थन ,पूर्व मंत्री बोले -अलग राज्य हो :
काँग्रेस नेता एवं पूर्व टिएडी मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया का कहना है कि अलग भील प्रदेश की मांग जायज है और वह बनना चाहिए । लेकिन यह केंद्र सरकार के विवेक पर निर्भर करता है क्योंकि ,राज्य सरकार इसमे कुछ कर सकती है । हम भी इसकी मांग करते रहे है । बस , पक्ष -विपक्ष मे रहने का तरीका अलग -अलग हो सकता हैं ।
राजस्थान मे यह एरिया वर्तमान मे टिएसपी मे शामिल
- प्रदेश मे जनजाति अधिसूचित एरिया मे बांसवाड़ा ,डूंगरपुर एवं प्रतापगढ़ जिले हैं ।उदयपुर की 16 तहसीले ,सिरोही के 51 गाँव ,राजसमंद के 31,चितोड़गढ़ के 51 और पाली के 33 जिले हैं । 2011 की जनगणना के अनुसार इन क्षेत्रों मे 64.64 लाख आबादी हैं । 45.52 लाख यानि 70.42%आबादी आदिवासी है । सरकार ने 1975 मे अलग से जनजाति क्षेत्रीय विकाश विभाग की स्थपना करवाई थी ।
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जाती नहीं , भाषाई एवं सांस्कृतिक नजरिये से मांग
- भारत आदिवासी पार्टी के अध्यक्ष मोहन लाल राट का कहना है कि भाजपा एवं कॉंग्रेस यहा के लोगों की भावनाओं को नहीं समझ रही है । यही वजह है कि तीसरी पार्टी खड़ी हो गई । हम जाती के आधार पर नहीं , बल्कि भाषाई एवं सांस्कृतिक आधार पर भील प्रदेश की मांग कर रहे हैं । गुरुवार को यहाँ सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक शक्ति प्रदर्शन करा जाएगा । ताकि हमारी सालों पुरानी डिमांड पर सरकार ध्यान दे सके , और इसपे विचार करे ।